"क्या मंदसौर का नाम पहले Marh-Saur था?"

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मंदसौर की कहानी — अतीत से आज तक

🏛️ इतिहास: प्राचीन से मध्यकाल तक

नाम और उद्गम:
मंदसौर का नाम “Marhsaur” नामक दो गांवों — Marh और Saur (या Dasaur) के मिल जाने से बना माना जाता है। पुराने समय में इसे Dashapura कहा जाता था। 

आधुनिक कला व स्थापत्य:
मंदसौर में कई प्राचीन स्मारक हैं:

Pashupatinath Temple जो शिवने नदी के किनारे स्थित है, जिसमें आठ-मुखी शिवलिंग है। 

Dhamnar Caves — 7वीं सदी की बौद्ध गुफाएँ, जिसमें चैत्य-विहार और स्टूपास हैं। 

Dharmarajeshwara Cave Temple — प्रारंभ में विष्णु को समर्पित, बाद में शिवंपरायण हुई, Harihara मूर्ति भी है। 


राजाओं और लड़ाइयाँ:
मंदसौर में पुराने समय में Aulikara वंश का शासन था, जिनमें यशोधरमण जैसे शासक शामिल थे। 
बाद में मराठा काल में भी यह क्षेत्र महत्वपूर्ण था, जैसे Battle of Mandsaur (1732-33) जिसमें मराठों ने जय सिंह द्वितीय (राजपूत राजा) से लड़ाई लड़ी थी। 

Project Cheetah
मंदसौर-जिला के गांधी सागर वन्य जीव अभयारण्य में Dheera नाम की महिला चीता को छोड़ा गया है, ताकि वहाँ की आबादी में संतुलन हो सके। 

नशीले पदार्थों की तस्करी
मंदसौर से एक ड्रग तस्कर गिरफ्तार किया गया है, जो MD ड्रग्स (नशीले पदार्थ) इंदौर को सप्लाई करता था। 

समाजिक संघर्ष
प्रेम विवाह और सामाजिक दबाव के बीच एक दुखद घटना हुई — कॉलेज-से निकलकर प्रेमिका-प्रेमी ने शादी की, लेकिन ससुराल पहुँचने पर सामाजिक विरोध इतना बढ़ गया कि दोनों ने ज़हर खा लिया। 

बच्चों की सुरक्षा मुद्दा
स्कूल जाने वाले बच्चों को मगरमच्छों भरी नदी पार करनी पड़ती है। ऐसी स्थिति में माता-पिता को सिर्फ़ 50 रुपये के स्टाम्प पेपर पर ज़रूरी हस्ताक्षर करवा लिए जाते हैं कि अगर बच्चा किसी दुर्घटना में मर जाए तो जिम्मेदारी वे खुद लेंगे। प्रशासन से सुरक्षा उपायों की माँग हो रही है। 


मन्दसौर की पहचान और चुनौतियाँ

मंदसौर एक ऐसा क्षेत्र है जो प्राचीन इतिहास, धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर, और समकालीन सामाजिक-सियासी समस्याओं का संगम है। जहाँ एक ओर मंदिर-गुफाएँ इतिहास की गूँज देती हैं, वहीं दूसरी ओर लोगों की ज़िन्दगी में आज भी जल-वायु, सुरक्षा, नशे, सामाजिक न्याय जैसे गंभीर मुद्दे हैं।

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