साइबर अपराधी अब बिना OTP या ATM PIN के बैंक खातों से पैसे चुराने के नए तरीके इस्तेमाल कर रहे हैं। वे फर्जी बैंक मैसेज में लिंक भेजते हैं, जिस पर क्लिक करते ही खाते से पैसे गायब हो जाते हैं।
स्कैम कैसे काम करता है?
स्कैमर उन नंबरों का डेटा इकट्ठा करते हैं, जो लोग ऑनलाइन शेयर करते हैं। हाल ही में दिल्ली की एक 26 वर्षीय महिला को क्रोमा से लैपटॉप खरीदने के बाद एक फर्जी मैसेज मिला, जिसमें वाउचर जीतने का दावा था। मैसेज में क्रोमा और विजय सेल्स का नाम गलत था, जिससे उसे शक हुआ और वह बच गई।
कॉल मर्जिंग स्कैम क्या है?
फ्रॉड करने वाला किसी जान-पहचान वाले के नाम से कॉल करता है और किसी इवेंट के लिए बुलाता है। उसी समय एक और अज्ञात नंबर से कॉल आता है, जिसे VIP नंबर बताकर कॉल मर्ज करने को कहा जाता है। मर्ज करते ही स्कैमर OTP सुन लेता है और खाता हैक कर लेता है।
APK और RAT मालवेयर का खतरा
साइबर अपराधी APK फाइल्स और रिमोट एक्सेस ट्रोजन (RAT) का इस्तेमाल कर डिवाइस पर कंट्रोल हासिल करते हैं। मई 2021 में हासन के एक DySP ने फर्जी बैंक ऐप इंस्टॉल कर Rs 15.98 लाख गंवाए।
सुरक्षित रहने के उपाय
अनजान कॉल्स और मैसेज से सावधान रहें।
संवेदनशील जानकारी कभी शेयर न करें।
संदिग्ध लिंक्स पर क्लिक न करें, भले ही वाउचर या डिस्काउंट का लालच हो।
अनवेरिफाइड ऐप्स इंस्टॉल न करें, ये KYC के लिए कैमरा और गैलरी एक्सेस कर सकते हैं।
अजीब कॉल आए तो ऑफिशियल चैनल्स से सत्यापित करें।
अन्य स्कैम से बचाव
फिशिंग लिंक्स के अलावा, स्कैमर कॉल फॉरवर्डिंग, वॉइस मेल, QR कोड फ्रॉड, और स्क्रीन शेयरिंग जैसे तरीके भी अपनाते हैं। हमेशा सतर्क रहें और अपने डिवाइस को सुरक्षित रखें।
अपना पैसा सुरक्षित रखें, सावधानी बरतें!
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