लोरमी: Lormi Kidnapping Case: लोरमी थाना क्षेत्र में सात वर्षीय मासूम बच्ची के अपहरण और हत्या के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। करीब दो महीने पहले लापता हुई बच्ची के नरकंकाल की पहचान DNA जांच के बाद हो गई है। बच्ची का कंकाल गांव के ही श्मशान घाट के पास 9 मई को बरामद हुआ था।
Lormi Kidnapping Case: पुलिस अधीक्षक ने IBC24 से फोन पर बातचीत में इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि बरामद नरकंकाल की DNA रिपोर्ट बच्ची से मेल खा गई है जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि अपहरण के बाद उसकी निर्मम हत्या कर दी गई थी। बता दें कि यह अपहरण की घटना 12 अप्रैल की रात को हुई थी जब बच्ची अचानक घर से लापता हो गई थी। परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी जिसके बाद पूरे इलाके में बच्ची की तलाश शुरू की गई थी।
Lormi Kidnapping Case: लगभग एक महीने बाद 9 मई को गांव के श्मशान घाट के पास झाड़ियों में एक नरकंकाल मिला जिसके बाद संदेह गहराने लगा। जांच में तेजी लाते हुए पुलिस ने दो संदिग्धों का ब्रेन मैपिंग और पॉलिग्राफ टेस्ट कराया। अब तीन और संदिग्धों का नार्को टेस्ट कराया जाएगा ताकि इस जघन्य वारदात की पूरी सच्चाई सामने आ सके।
"लोरमी बच्ची अपहरण मामला" कब हुआ था?
यह घटना 12 अप्रैल की रात हुई थी जब बच्ची अपने घर से अचानक लापता हो गई थी।
"लोरमी नरकंकाल DNA रिपोर्ट" से क्या खुलासा हुआ है?
DNA रिपोर्ट से पुष्टि हुई है कि श्मशान घाट के पास मिला नरकंकाल उसी लापता बच्ची का है, जिससे यह साबित हुआ कि उसकी हत्या कर दी गई थी।
"लोरमी हत्या जांच में पुलिस" अब क्या कर रही है?
पुलिस ने पहले दो संदिग्धों का ब्रेन मैपिंग और पॉलीग्राफ टेस्ट कराया, अब तीन और संदिग्धों का नार्को टेस्ट कराने की तैयारी की जा रही है।
"लोरमी बच्ची हत्या केस में आरोपी" कौन हैं?
अभी तक पुलिस ने संदिग्धों की पहचान उजागर नहीं की है, लेकिन जांच प्रक्रिया में कुल पाँच संदिग्धों से पूछताछ हो रही है।
क्या "लोरमी अपहरण और हत्या केस" में न्याय मिलेगा?
पुलिस लगातार वैज्ञानिक जांच विधियों का सहारा लेकर आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। DNA पुष्टि के बाद मामले में प्रगति तेज हो गई है।